- बुजुर्गों से घुटने टेक कर माफी मांगें शिवराज: पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह।
भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि गांधी के देश में इंदौर में अशक्त बुजुर्गों के साथ जो अमानवीय कार्य और हिंसा हुई है उससे न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरा देश शर्मसार हुआ है।
अजय सिंह ने कहा कि अहिंसा के पुजारी महामानव गांधी जी की पुण्यतिथि के ठीक एक दिन पहले शिवराज सरकार की नाक के नीचे इंदौर नगर निगम कचरे की गाड़ी में पशुओं की तरह बुजुर्गों को भरकर लावारिस छोड़ने जा रही थी। इस शर्मनाक घटना ने हर इंसान का दिल झकझोर दिया है। यह घटना सारे वरिष्ठजनों का अपमान है। जनता के सामने घुटने टेक कर अभिवादन की नौटंकी करने वाले शिवराज सिंह में यदि जरा सी भी शर्म और दयाभाव बचा है तो उन्हें उसी तरह घुटने टेक कर सार्वजनिक रूप से देश की जनता से माफी मांगना चाहिए। यह घटना भाजपा की हिटलरशाही का नमूना है।
इस शर्मनाक घटना ने हर इंसान का दिल झकझोर दिया है| जनता के सामने घुटने टेक कर अभिवादन की नौटंकी करने वाले शिवराजसिंह में यदि जरा सी भी शर्म और दयाभाव बचा है तो उन्हें उसी तरह घुटने टेक कर सार्वजनिक रूप से देश की जनता से माफी मांगना चाहिए| यह घटना भाजपा की हिटलरशाही का नमूना है| pic.twitter.com/FaQmrMb2qw
— Ajay Singh (@ASinghINC) January 30, 2021
अजय सिंह ने कहा है कि वह तो अच्छा हुआ कि बुजुर्गों को लावारिस हालत में बेशर्मों की तरह छोड़ कर जाते हुये नगर निगम वालों की करतूत को लोहार पीपल्या गाँव के किसानों ने देख लिया, वरना लावारिस बुजुर्गों का क्या हाल होता, उसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। अब सरकार लीपापोती करने में लगी है। मस्टरकर्मियों को बर्खास्त करने से कुछ नहीं होगा। बर्खास्त तो उन कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर को किया जाना चाहिए जिनकी दंभ भरी और भ्रष्टाचारी हरकतों के कारण नीचे के कर्मचारियों में अमानवीय मानसिकता विकसित हो रही है।
आगे श्री सिंह नें कहा की इंदौर की घटना तो केवल एक उदाहरण है, पूरे प्रदेश में यही हाल है। अफसरों की इसी मानसिकता के चलते विगत दिवस देवास जिले में शिवराज सिंह की सभा में एक प्रताड़ित किसान अनूप सिंह हाड़ा ने मुख्यमंत्री के सामने मिट्टी का तेल डालकर आत्मह्त्या करने की कोशिश की थी। यह घटना सरकार की विकसित होती अमानवीय मानसिकता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
यह है पूरा मामला।
इंदौर नगर-निगम के कर्मचारी एक कचरा गाड़ी में शहर के बेसहारा बुजुर्गों को पशुओं की तरह भरकर उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे छोड़ने आए थे। लेकिन जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो नगर निगम कर्मचारी बुजुर्गों को गाड़ी में वापस भरकर ले गए।स्थानीय युवक ने बताया कि नगर-निगम के कर्मचारियों ने करीब 15 से 20 बुजुर्गों को गाड़ी में एक-दूसरे के ऊपर लादकर बिठाया था।इनमे से कई लागों की हालत तो इतनी खराब थी की वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। निगम कर्मचारियों ने उन्हें गाड़ी से उठाकर नीचे बिठा दिया था। हालांकि विरोध के बाद स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें फिर से गाड़ी में बिठाया गया और वापस इंदौर भेजा गया।
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