सीधी CHRONICLE: मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के सैतपुरा बारह गांव में बोरवेल में फंसे तीन साल के मासूम प्रहलाद कुशवाहा को अंदर से निकाल लिया गया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। 4 नवंबर को बोरवेल में गिरे प्रहलाद में बोरवेल में गिरने के कुछ घंटे बाद से ही हलचल बंद हो गई थी और इस बात की पूरी आशंका थी कि वह दम तोड़ चुका है।
एनडीआरएफ और सेना की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही और शनिवार रविवार की रात बच्चे को खोज निकालने में सफल रही। प्रहलाद को तत्काल झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए एंबुलेंस तैयार थी और उसके साथ डॉक्टर भी तैयार थे। जैसे ही उसे बाहर निकाला गया, तत्काल एंबुलेंस उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सीएम शिवराज सिंह नें जताया दुख।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुये कहा- मुझे अत्यंत दुःख है की निवाड़ी के सैतपुरा गांव में अपने खेत के बोरवेल में गिरे मासूम प्रहलाद को 90 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बचा नहीं पाए ।एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ़, और अन्य विशेषज्ञों की टीम ने दिन-रात मेहनत की लेकिन अंत में आज सुबह 3:00 बजे बेटे का मृत शरीर निकाला गया।
आगे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा की, दुःख की इस घड़ी में, मैं एवं पूरा प्रदेश प्रहलाद के परिवार के साथ खड़ा है और मासूम बेटे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है। सरकार द्वारा प्रहलाद के परिवार को ₹5 लाख का मुआवज़ा दिया जा रहा है, एवं उनके खेत में एक नया बोरवेल भी बनाया जाएगा।
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