भोपाल: पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में यदि कहीं उपचुनाव हो रहे हैं तो वह है - मध्यप्रदेश। बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में उपचुनावों का प्रावधान करते समय कभी नहीं सोचा था कि लोभी विधायकों द्वारा लालच में दलबदल करने के कारण उपचुनाव कराना पड़ेंगे। उन्होंने उपचुनाव का प्रावधान इसलिए किया था कि जब किसी विधायक या सांसद की मृत्यु हो जाती है या वह बीमारी या अन्य कारणों से स्तीफ़ा देता है, तो सीट खाली न रह जाये। लेकिन मध्यप्रदेश में तो थोक में 28 सीटों पर जो उपचुनाव हो रहे हैं वे लोभ और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के कारण हो रहे हैं। यह कोई साधारण घटना नहीं है।
अजय सिंह आज अम्बाह विधानसभा क्षेत्र के खिल्ली और पोरसा में कांग्रेस प्रत्याशी सत्यप्रकाश सखवार के पक्ष में चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा को कमलनाथ की कार्यशैली से लगा कि वे तो हमारे 15 साल का इतिहास मिटा देंगे। वे 15 साल, जिसमें सिर्फ और सिर्फ कोरे आश्वासन होते रहे, लंबे चौड़े भाषण होते रहे और काम धेले भर का नहीं हुआ। शिवराज सिंह को लगा कि वे दस बार के अनुभवी सांसद हैं, जो हर मंत्रिमंडल में रहा हो, जिसने मध्यप्रदेश को पहली पंक्ति में रखने की व्यूह रचना बना रखी हो, जिसने काम की शुरुआत किसानों की कर्ज माफी से की हो, ऐसे कमलनाथ का काम दिखने लगेगा तो हम कहीं के नहीं रहेंगे। कैसे कुछ किया जाये कि कुछ गड़बड़ हो और सरकार गिर जाये। तब शिवराज सिंह ने चारों ओर निगाह दौड़ाई। अजय सिंह ने सिंधिया का नाम लिए बिना कहा कि शिवराज सिंह को आपके पड़ोसी जिले में वह आदमी मिल गया जो कांग्रेस से गद्दारी कर सकता था। मैं उनका नाम नहीं लूँगा क्योंकि यहाँ हर जबान पर उसका नाम है।
श्री सिंह ने कहा कि स्व॰ अर्जुन सिंह जी जब पंजाब के राज्यपाल बने तो राजीव जी ने उनसे कहा कि वे अपने बेटे अजयसिंह से उपचुनाव लड़ने के लिए कहें। तब उन्होंने कहा कि आप ही उनसे बात करे। फिर मैं उपचुनाव जीता और छ्ह बार विधायक बना। लेकिन 18 के चुनाव में मैं अपनी विधानसभा में केवल दो दिन रहा। बाकी दिन कमलनाथ, सिंधिया और मैं पूरे मध्यप्रदेश में हैलीकाप्टर से एक साथ जाकर चुनावी सभाएं करते थे। मन में सिर्फ एक बात थी कि किसी तरह कांग्रेस की सरकार बन जाये। शिवराज सिंह ने संकल्प ले रखा था कि कोई जीते या न जीते लेकिन राहुल भैया को चुनाव नहीं जीतना चाहिए। क्योंकि विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाकर और बाहर मैंने उनकी नींद हराम करके रखी थी। मैंने भी संकल्प ले रखा था कि कुछ भी हो जाये, कांग्रेस की सरकार बने और वह बनी।
अजय सिंह ने कहा कि आज मैं फिर वही संकल्प लेकर आपके बीच कांग्रेस को जिताने का आग्रह करने आया हूँ। आपको तय करना है कि टिकाऊ को वोट दें या बिकाऊ को। गद्दारों ने आपके वोट का सम्मान नहीं किया और उसे बेच दिया। शिवराज सिंह जनता को भगवान मानने का ढोंग करके जनता को ही धोका दे रहे हैं। विधायकों की खरीददारी करके शिवराज ने मध्यप्रदेश का नाम कलंकित कर दिया है। यह प्रदेश साफ सुथरी राजनीति के लिए जाना जाता था जिसका नाम भाजपा ने बदनाम कर दिया। जनता अब उन्हें माफ नहीं करेगी।
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