नई दिल्ली / भोपाल: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है। वह 84 साल के थे। प्रणब मुखर्जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। सोमवार सुबह ही प्रणब मुखर्जी के फेफड़ों में इंफेक्शन की पुष्टि हुई थी। फेफड़ों में इंफेक्शन के बाद से ही उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी।
प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त को दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। इसी दिन ब्रेन से क्लॉटिंग हटाने के लिए इमरजेंसी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। प्रणब ने 10 तारीख को ही खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की बात भी कही थी।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह नें जताया दुख।
मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह नें भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी निधन पर दुख व्यक्त करते हुये कहा- श्री प्रणब मुखर्जी देश को नई दिशा देने में सक्षम थे। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। श्री सिंह ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने साथ ही विभिन्न पदों पर रहकर उन्होंने अपने दायित्वों का कुशलता योग्यता के साथ निर्वहन किया। भारतीय राजनेताओं में से वे एक ऐसे व्यक्तित्व थे जो देश को नई दिशा देने में सक्षम थे। उन्होंने कहा कि पूज्य दाऊ सा. से उनकी मित्रता, सामीप्य और विशेष अनुराग रहा। मुझे सदैव उनका स्नेह मिला और वे हमारे पारिवारिक मुखिया की तरह थे। उनका चले जाना राष्ट्रीय क्षति के साथ ही मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है जिसकी पूर्ति संभव नहीं है। परमात्मा दिवंगत आत्मा को अपने चरणों मे स्थान दे और शोकाकुल परिजनों को यह आघात सहने की सामर्थ्य प्रदान करे।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणव मुखर्जी का निधन अत्यंत दुखद है।अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने साथ ही विभिन्न पदों पर रहकर उन्होंने अपने दायित्वों का कुशलता के साथ निर्वहन किया। वे ऐसे व्यक्तित्व थे जो देश को नई दिशा देने में सक्षम थे।यह एक अपूरणीय क्षति है जिसकी पूर्ति संभव नहीं है। pic.twitter.com/2qAItA3sKR— Ajay Singh (@ASinghINC) August 31, 2020
प्रणब मुखर्जी ने भारत के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी।
प्रणब मुखर्जी ने जुलाई 2012 में भारत के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। वह 25 जुलाई 2017 तक इस पद पर रहे थे। प्रणब मुखर्जी को 26 जनवरी 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। प्रणब मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर के साथ साथ कानून की डिग्री हासिल की थी। वे एक वकील और कॉलेज प्राध्यापक भी रहे और उन्हें मानद डी.लिट उपाधि भी दी गई। मुखर्जी ने पहले एक कॉलेज प्राध्यापक के रूप में और बाद में एक पत्रकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। 11 दिसम्बर 1935, को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में प्रणब मुखर्जी का जन्म हुआ था।
प्रणब मुखर्जी पहली बार 1969 में राज्यसभा पहुंचे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मुखर्जी का संसदीय करियर करीब पांच दशक पुराना है। वह पहली बार 1969 में राज्यसभा पहुंचे थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी ने इनकी योग्यता से प्रभावित होकर मात्र 35 वर्ष की अवस्था में, 1969 में कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्य सभा का सदस्य बना दिया। उसके बाद वे, 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए।