सीधी: आजकल मध्यप्रदेश की राजनीति में वायरल आडियो एवं वीडियो का दौर चल रहा है। पिछले दिनों ऐसा ही एक वीडियो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी वायरल हुआ, जो की शराब के मुद्दे पर था। भाजपा का आरोप है की यह वीडियो कांग्रेस द्वारा एडिट करके सोशल मीडिया में वायरल किया गया है, और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इमेज को धूमिल करनें का प्रयास किया है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा द्वारा कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं पर FIR दर्ज कराई गई थी।
अब राजधानी भोपाल से लगी सीएम शिवराज सिंह के वायरल वीडियो की यह आग, सीधी पहुंच गयी है। सीधी में पूर्व मंत्री एवं सिहावल विधानसभा से कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल के दो समर्थकों कमलेश पटेल एवं विकास साहू के ऊपर, सीएम शिवराज सिंह के फर्जी वीडियो को वायरल करनें को लेकर सिटी कोतवाली सीधी में गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली गयी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते 15 जून को को सीधी भाजपा के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र मणि दुबे नें सिटी कोतवाली को एक आवेदन भेजा था। जिसमें शिकायत करते हुये लिखा गया था की, कमलेश पटेल हटवा खास एवं विकास साहू द्वारा फेसबुक सोशल मीडिया में सीएम शिवराज सिंह के ओरिजिनल वीडियो को संपादित कर तथा छेड़ छाड़ करके फर्जी तरीके से वायरल किया गया है। जिसके बाद पूर्व मंत्री समर्थक दोनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं कमलेश एवं विकास पर सिटी कोतवाली सीधी में भारतीय दंड संहिता की धारा 500, 501 एवं 505 (2) के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है।
FIR के बाद विकास साहू नें मांगी माफ़ी।
कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पूर्व मंत्री समर्थक विकास साहू नें सोशल मीडिया में पोस्ट कर कहा- "मेरे द्वारा जो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय श्री शिवराज सिंह चौहान जी का वीडियो डाला गया था, वह फेक वीडियो था और उसके लिए मैं माफी मांगता हूं उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं"।
FIR के बाद कमलेश पटेल नें भी मांगी माफ़ी।
कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पूर्व मंत्री समर्थक कमलेश पटेल नें पहले तो सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुये कहा की- कांग्रेस के बब्बर शेर कार्यकर्ता डरनें वाले नही हैं। भाजपायी जितनी FIR कराना है करा लें, हला की बाद में उन्होनें भी सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर माफ़ी माग ली है।
अब यहां यह देखना होगा की पुलिस इस मसले की जांच कैसे करती है, क्योकी यहां दो पहलू हैं, पहला- यह वीडियो किसनें एडिट कर के वायरल किया, और दूसरा- की इस वीडियो को किस किस नें अपनें सोशल मीडिया प्लेटफार्म से शेयर किया। जैसा की इन दोनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं नें कहा की इनके पास वीडियो कहीं से आया था, और इन्होनें वीडियो की सत्यता जांचें बिना इसे शेयर किया। अब सवाल यह भी है, की आजकल सोशल मीडिया के दौर में अनगिनत फेक वीडियो वायरल हो रहें हैं, इनकी सत्यता की जांच आखिर कौन करेगा और इनसे कैसे निपटा जायेगा। साथ ही किसी भी वीडियो, आडियो या मैसेज को सोशल मीडिया में शेयर करनें से पहले, एक जिम्मेदार नागरिक होनें के नाते उसकी सत्यता की जांच करना अत्यंत आवश्यक है।
FIR दर्ज होनें के बाद मंत्री समर्थकों नें मांगी माफ़ी। देखें VIDEO 👇
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