भोपाल: देश के साथ साथ मध्यप्रदेश में भी चल रहे कोरोना संकट के बीच, भाजपा द्वारा इंदौर और सांवेर के कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी की सदस्यता दिलवानें को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गयी है तथा इसे शर्मनाक बताया है। कांग्रेस का कहना है की, लोग सड़को पर हज़ारो किलोमीटर पैदल चल रहे है, इस दौरान कई लोगो की जान तक चली गई। ई-पास नही बन पाने के कारण कई लोग पैदल ही चले जा रहे है। लेकिन असंवेदनशीलता की पराकष्ठा देखिये संकटकाल में संक्रमित सोच सदस्यता अभियान चला रही है।
पूर्व सीएम कमलनाथ नें कोरोना के संकट के बीच भाजपा के सदस्यता अभियान को बताया शर्मनाक।
कोरोना संकट के बीच भाजपा की चुनावी तैयारियों एवं सदस्यता अभियान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हमला बोला है। पूर्व सीएम ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये और कहा- " कितना शर्मनाक है! आज आवश्यकता है कोरोना प्रभावित इलाक़ों में एवं प्रदेश के मार्गों व सीमाओं पर जाकर भूखे प्यासे मज़दूरों से मिलकर उनका दर्द जानने की, लेकिन जा रहे है अपने कार्यालय उपचुनाव की तैयारियों के लिये,चुनाव जीतने की रणनीति बनाने के लिये,लोगों का दलबदल करवाने के लिये ?
आज आवश्यकता है इस महामारी के प्रदेश में बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केन्द्र सरकार से बात कर प्रदेश में टेस्टिंग किट की कमी दूर करने की , टेस्टिंग के लिये निजी लेब को ज़्यादा से ज़्यादा अनुमति दिलवाने की , वेंटिलेटर व पीपीई किट की कमी को दूर करने की, लेकिन केन्द्र सरकार व उसके मंत्रियो से इस महामारी में भी बात की जा रही है उपचुनावो को जीतने के लिये “एक्सप्रेस वे “ के भूमिपूजन की....?
आज आवश्यकता है सभी को मिलकर कोरोना महामारी से लड़ने की, लेकिन तैयारियाँ की जा रही है चुनाव लड़ने की , इस महामारी में भी पद बाँटे जा रहे है , जवाबदारी कोरोना से निपटने की नहीं , उपचुनाव जिताने की दी जा रही है ? यह है इनकी संवेदनशीलता...? इन्हें जनसेवा नहीं ,सत्ता की भूख है।इन्हें कोरोना से प्रदेशवासियो को नहीं बचाना है , इन्हें पहले खुद की सरकार को बचाना है।इनकी प्राथमिकता जनता नहीं सत्ता लोलुपता है। बेचारी जनता कोरोना से लड़ रही है और ये पद व टिकट के लिये लड़ रहे है ....?
कितना शर्मनाक है— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 18, 2020
आज आवश्यकता है कोरोना प्रभावित इलाक़ों में एवं प्रदेश के मार्गों व सीमाओं पर जाकर भूखे प्यासे मज़दूरों से मिलकर उनका दर्द जानने की,
लेकिन जा रहे है अपने कार्यालय उपचुनाव की तैयारियों के लिये,चुनाव जीतने की रणनीति बनाने के लिये,लोगों का दलबदल करवाने के लिये ?
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