भोपाल: देशभर में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। जिसे देखते हुये लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। मोदी सरकार ने लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए ट्रेनों को चलाने की इजाजत दे दी थी। इसके साथ ही रेल मंत्रालय ने "श्रमिक स्पेशल ट्रेन" चलाए जाने का ऐलान किया था।
जिसके तहत शनिवार की सुबह करीब 6.30 बजे नासिक रेलवे स्टेशन से भोपाल रेल मंडल के मिसरोद रेलवे स्टेशन करीब 347 श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची। लेकिन अब भोपाल पहुंची ट्रेन को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया था। सामने यह आया है था कि, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से भी टिकट का किराया वसूला गया। जबकि, नियमानुसार राज्य सरकार को इन टिकटों की कीमत देनी थी।
स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से किराया वसूले जाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है। स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से किराया वसूले जाने को लेकर जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेहद आपत्तिजनक एवं शर्मनाक बताया तो वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह नें इसे शर्मनाक एवं अमानवीय करार दिया।
स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से किराया वसूले जाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है। स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से किराया वसूले जाने को लेकर जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेहद आपत्तिजनक एवं शर्मनाक बताया तो वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह नें इसे शर्मनाक एवं अमानवीय करार दिया।
क्या कहा पूर्व सीएम कमलनाथ नें।
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना महामारी और लॉक डाउन की वजह से पहले ही मजदूरों का रोजगार छिन गया है। ना उनके पास खाने के लिए संसाधन है और न रहने के लिए छत। ऐसी स्थिति में घर वापसी पर उनसे किराया वसूला जाना बेहद शर्मनाक है। पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने ट्वीट कर कहा है सरकार को इस मामले में संज्ञान ले तुरंत किराया वसूली को रोक देना चाहिए। साथ ही उन्होनें कहा की
प्रदेश के वापस घर आ रहे मज़दूर भाइयों के किराये की राशि का खर्च सरकार ख़ुद वहन करे।
कांग्रेस पार्टी पिछले एक माह से माँग कर रही थी कि देश भर के विभिन्न राज्यों में जो प्रवासी मज़दूर भाई , छात्र फँसे है उन्हें वापस अपने-अपने घर लाने के लिये विशेष ट्रेनें चलायी जावे।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 2, 2020
केन्द्र सरकार ने एक माह बाद निर्णय लिया कि विशेष ट्रेनें चलायी जायेगी,निर्णय स्वागत योग्य है।
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कोरोना महामारी के लॉकडाउन के चलते मज़दूर का पहले ही रोज़गार छीन चुका है , उसके पास खाने को राशन तक नहीं है , ऐसे संकट के दौर में उससे घर वापसी का किराया वसूला जाना बेहद शर्मनाक है।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 2, 2020
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क्या कहा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह नें।
मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय नें इस मजदूरों से टिकट का किराया वसूल किये जानें को शर्मनाक एवं अमानवीय बताते हुये ट्वीट कर कहा-
"स्पेशल ट्रेनों से मध्यप्रदेश वापस लौटने वाले मजदूरों से टिकट का किराया वसूल किया जाना बेहद आपत्तिजनक है । इन मजदूरों का रोजगार पहले ही छिन चुका है और उनके पास भोजन तक के लिए पैसे नहीं बचे हैं। ऐसी हालत में टिकट का किराया वसूल किया जाना शर्मनाक और अमानवीय है"।
स्पेशल ट्रेनों से मध्यप्रदेश वापस लौटने वाले मजदूरों से टिकट का किराया वसूल किया जाना बेहद आपत्तिजनक है | इन मजदूरों का रोजगार पहले ही छिन चुका है और उनके पास भोजन तक के लिए पैसे नहीं बचे हैं | ऐसी हालत में टिकट का किराया वसूल किया जाना शर्मनाक और अमानवीय है | pic.twitter.com/urTpSi1ZdC— Ajay Singh (@ASinghINC) May 3, 2020
गौरतलब है की, अन्य राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूर एवं छात्रों को लाने के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए छह अलग-अलग ट्रेनें चलाई है। जहां सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक प्रवासी मजदूरों से किसी भी प्रकार का किराया नहीं वसूला जाना था। किंतु इन ए स्पेशल ट्रेनों में सफर करने के लिए प्रवासी मजदूरों को टिकटों की कीमत अदा करनी पड़ रही है। महाराष्ट्र के नासिक से भोपाल पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों से 315 रुपए हर यात्री वसूले गए हैं।
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