बेंगलुरू: जीतू पटवारी एवं लाखन सिंह यादव के साथ बेंगलूरु पुलिस नें की धक्का-मुक्की। हाट-पिपल्या विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण चौधरी, जीतू पटवारी एवं लाखन सिंह के साथ अपनें विधायक बेटे से मिलनें के लिये बेंगलूरु गए थे, जहां बेंगलूरु पुलिस नें उनको अपनें बेटे से नही मिलनें दिया और जीतू पटवारी के साथ धक्का-मुक्की भी की। बाद में जीतू पटवारी, लाखन सिंह एवं विधायक मनोज चौधरी के पिता को बेंगलुरू पुलिस नें गिरफ्तार भी कर लिया था।
दिग्विजय सिंह, विवेक तनखा नें प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा पर लगाये गंभीर आरोप।
जैसे ही यह खबर भोपाल पहुंची, कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह, विवेक तनखा तथा शोभा ओझा नें प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की, यदि उनकें नेताओं को रिहा नही किया गया तो वो अदालत जाएंगें। थोड़ी देर बाद ही, कांग्रेस के दोनों नेताओं को रिहा भी कर दिया गया।
जीतू पटवारी ने कहा कि, भाजपा के दबाव में स्थानीय पुलिस ने ये तानाशाही कार्रवाई की।
बता दें कि जीतू पटवारी और लाखन सिंह, सिंधिया समर्थक विधायकों को वापस लाने के लिये बेंगलुरू पहुंचे थे। इस बीच जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि बेंगलुरू में सिंधिया समर्थक कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है। उनका कहना है कि लगभग 9-10 विधायकों को वो BJP के चंगुल से बाहर निकालने में सफल हो गए थे लेकिन तभी पुलिस वहां आ गई और इन्हें जबरन गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस ने इनके साथ झूमाझटकी भी की और दोनों पक्षों में झड़प भी हुई। जीतू पटवारी का कहना है कि ऐन वक्त पर भाजपा के दबाव में काम कर रही पुलिस ने तानाशाही करते हुए इनके साथ हाथापाई भी की। खास बात ये है किं इन दोनों के साथ विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण चौधरी भी बेंगलुरू पहुंचे थे और उन्हें भी उनके बेटे से मिलने नहीं दिया गया।
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