भोपाल: मध्यप्रदेश में पिछले तीन सप्ताह से चल रहे सियासी घमासान का आज अंत हो गया, 15 सालों के बाद प्रदेश में बनी कांग्रेस की सरकार महज 15 महिनों में ही गिर गई है। सीएम कमलनाथ ने इस्तीफे के ऐलान के साथ ही निर्दलीय विधायक, कांग्रेस सरकार में मंत्री एवं सीधी प्रभारी रहे प्रदीप जायसवाल ने भाजपा की नई सरकार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। सीएम की पीसी के दौरान ही उन्होंने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
निर्दलीय विधायक एवं सीधी जिले के प्रभारी मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल ने कहा कि अब जिस पार्टी की सरकार होगी, उसे समर्थन देंगे। उनकी भाजपा से चर्चा हो चुकी है। जायसवाल कल रात तक कांग्रेस के साथ थे। सरकार की इस स्थिति के लिए जायसवाल ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए यह निर्णय लेना पड़ा। भाजपा के सामने वरिष्ठता को सम्मान देने की मांग रखी है।
गौरतलब है कि, बीते दिनों ही जायसवाल ने इस बात के संकेत दिए थे। जब बीते दिनों मीडिया में बीजेपी द्वारा सरकार गिराने और हॉर्स ट्रेडिंग की खबरें चल रही थी तब प्रदीप जायसवाल ने बयान दिया था कि यदि कमलनाथ की सरकार गिरती है और भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में आती है, तो वह जिले व क्षेत्र के विकास के लिए अपनी जनता व समर्थकों की सलाह पर भाजपा सरकार को समर्थन देंगें। जिले व क्षेत्र के विकास के लिए हमारा विकल्प हमेशा खुला रहेगा।
लेकिन जब छह-सात विधायक वापस लौट आए थे तब प्रदीप जायसवाल ने फिर अपने बयान पर पलटी मारी और कहा था कि कमलनाथ सरकार को मेरा पूरा समर्थन रहेगा। मीडिया ने मेरा बयान तोड़ मरोड़कर पेश किया है।
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