भोपाल: आइफा अवार्ड को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने तंज करते हुये कहा की, मध्य-प्रदेश सरकार का नया आइटम है " आइफा अवार्ड" उन्होनें कहा की, प्रदेश सरकार 1 साल बाद भी किसानों का कर्जमाफ नहीं कर सकी है। सरकार ने वृद्धजनों के लिए जिलों की निराश्रित निधि के 750 करोड भी अन्यत्र खर्च कर दी। हड़ताल पर बैठे अतिथि विद्वानों पर सरकार का यह तर्क की आईफा से रोजगार बढेगा हास्यास्पद है।
आगे उन्हीनें कहा की, एक तरफ कमलनाथ सरकार तत्कालीन भाजपा सरकार पर दोषारोपण करती है कि खजाना खाली छोड़ा है। लेकिन फिजूल खर्ची के लिए सरकार के पास पैसा कहां से आ रहा है। आईफा अवार्ड पर करीब 58 करोड़ से अधिक राशि खर्च करने जा रही। इसकी तैयारियों के लिए सरकारी मशीनरी को लगाया गया है।
उन्होनें ये भी कहा की,मध्यप्रदेश की धरती पर दलितों आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे है, किसान आत्महत्या कर रहे है। बेरोजगार युवा हताश और अवसाद के शिकार हैं। खाली खजाने का हवाला देकर कमलनाथ सरकार गरीबों की योजनाओं को बंद कर रही है। वहीं दूसरी ओर आईफा अवार्ड के नाम पर सरकार अपनी वाहवाही में लगी हुई है।
प्रदेश सरकार 1 साल बाद भी किसानों का कर्जमाफ नहीं कर सकी है। सरकार ने वृद्धजनों के लिए जिलों की निराश्रित निधि के 750 करोड भी अन्यत्र खर्च कर दी। हड़ताल पर बैठे #अतिथि_विद्वानों को नौकरी से निकाला जा रहा है और सरकार का यह तर्क की आईफा से रोजगार बढेगा हास्यास्पद है।— Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) February 3, 2020
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