ग्वालियर: मध्यप्रदेश कांग्रेस में क्षत्रपों के बीच का शीत युद्ध रुकनें का नाम नही ले रहा। कमलनाथ के इस बयान की "सिंधिया को सड़क पर उतरना हैं तो उतर जायें" के बाद अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर पत्रकारों से कहा है कि मैं जन सेवक हूं, जनता के वचन पूरा करना हमारा धर्म है और मैं फिर कहता हूं कि जो वचन हमने दिए हैं वह पूरे भी हमें ही करने होंगे। हमें सब्र रखना होगा। अभी एक साल हुआ है और यदि यह वचन पूरे नहीं हुए तो हमे सड़कों पर उतरना ही होगा। यानी सिंधिया तीन दिन पहले कही गई अपनी बात पर कायम है।
हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को कहा था कि यदि सिंधिया को सड़क पर उतरना है तो उतर जाएं और उसके बाद एक के बाद एक करके राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई थी।
सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी ने कहा था कि यदि सिंधिया सड़क पर उतरे तो पूरे देश के कांग्रेसी सड़क पर उतर आएंगे। वहीं वरिष्ठ मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा था कि सिंधिया को जो भी बातें करनी है वह अंदर बैठकर करें। समन्वय के साथ ही कांग्रेस में काम होना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पूरी कांग्रेस एक है और किसी भी तरह की कोई फूट कांग्रेस के अंदर नहीं है। लेकिन सिंधिया का यह ताजा बयान एक बार फिर कहीं ना कहीं पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी को ज़ाहिर कर रहा है।
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